Saturday, 7 August 2021

Computer मेमोरी ?

 

दोस्तों आज हम इस पोस्ट में विस्तार से जानेंगे  Computer Memory क्या है ?


Computer Memory


Computer Memory Data को स्टोर करने का काम करती हैं. और जरुरत पडने पर उसे कम्प्यूटर को उपलब्ध करवाती हैं. मेमोरी छोटे-छोटे भागों में बंटी रहती हैं. प्रत्येक भाग को एक Cell कहा जाता हैं.। मेमोरी में उपलब्ध प्रत्येक Cell की अपनी अलग पहचान होती हैं. जिसे Cell Address/Path कहते हैं. इन Cells में ही डाटा संग्रहित किया जाता हैं. यह डाटा Binary Digits (0, 1) में स्टोर रहता हैं.

कम्प्यूटर में डाटा को स्थाई और अस्थाई रूप में संग्रहित किया जाता हैं. जिसके लिए वह अलग-अलग प्रकार की स्मृति इस्तेमाल करता हैं. जिन्हे इस प्रकार वर्गीकृत किया जाता हैं.

  1. Cache Memory
  1. Primary Memory
  1. Secondary Memory                                                                                              

Cache Memory-

यह मेमोरी बहुत ही तेज होती हैं. Cache Memory CPU और मुख्य मेमोरी के बीच स्थित होती हैं. यानि CPU पहले से ही Cache Memory में स्टोर डाटा और निर्देश प्राप्त कर लेता हैं. क्योंकि उसे अब किसी कार्य के लिए निर्देश और डाटा प्राप्त करने के लिए प्राथमिक स्मृति में नही जाना पडता हैं. इसलिए CPU तेजी से कार्य करता हैं. Cache Memory में इन डाटा और निर्देशों को ऑपरेटिंग सिस्टम  द्वारा भेजा जाता हैं. जिन्हे फिर CPU द्वारा इस्तेमाल किया जाता हैं. इस मेमोरी की Store Capacity Limited होती हैं. इसलिए इसे बार-बार साफ करना पडता हैं.

 

Primary Memory or Main Memory :- 

 “ वह मेमोरी जो कंप्यूटर के मदरबोर्ड से सीधे जुड़ी होती है प्राइमरी मेमोरी कहलाती है l” Primary Memory को मुख्य मेमोरी (Main Memory) और अस्थाई मेमोरी (Volatile Memory) भी कहा जाता हैं. यह मेमोरी CPU का मुख्य भाग होती हैं. जहाँ से CPU डाटा और निर्देश प्राप्त करता हैं. यह CPU के मदरबोर्ड से सीधे जुड़ा होता है। यह मेमोरी अस्थाई मेमोरी होती हैं. राथमिक मेमोरी में वर्तमान में किया जा रहे काम के निर्देश और डाटा संग्रहित रहता हैं. काम खत्म होने के बाद संग्रहित डाटा स्वत: डिलिट हो जाता हैं और अगले काम का डाटा स्टोर हो जाता हैं. कम्प्युटर बंद होने पर भी सारा डाटा डिलिट हो जाता हैं.

प्राथमिक मेमोरी के दो प्रकार होते हैं.

 

RAM or Volatile Memory :- RAM (Random Access Memory) यह CPU की इंटरनल मेमोरी है जो डेटा, प्रोग्राम और प्रोग्राम रिजल्‍ट को स्‍टोर करती है। यह रिड/ राइट मेमोरी है जो जब तक कंप्‍यूटर ऑन हैं, तब तक डेटा को स्टोर करती है। इस मोमोरी को रैम इसलिए कहां जाता हैं, क्‍योकि इसमें मेमोरी लोकेशन को random सिलेक्‍ट किया जाता हैं। पॉवर ऑफ होने पर इसमें स्‍टोर डेटा लॉस्‍ट हो जाता हैं, इसलिए इसे volatile मेमोरी कहां जाता हैं।

रैम दो टाइप की है

 S. Ram :- इसे SRAM के नाम से जाना जाता है, Static RAM कम रिफ्रेश होती हैं लेकिन यह डाटा को मेमोरी में अधिक समय तक रख पाती है, यह डाटा को तब तक स्‍‍टोर रखती है जब तक सिस्‍टम को करंट मिलता रहता है यह बहुत तेजी से डाटा को Access करती है 

D. Ram :- इसे DRAM के नाम से जाना जाता है, डीरैम में डाटा मेमोरी सेल में स्‍टोर होता है, प्रत्‍येक मेमोरी सेल में एक ट्रांजिस्टर और एक कैपेसिटर होता है, जिसमें थोडा थोडा डाटा स्‍टोर किया जाता है लेकिन लगभग 4 मिली सेकेण्‍ड बाद मेमोरी सेल नियंत्रक मेमोरी को रिफ्रेश करते रहते हैं रिफ्रेश करने का अर्थ है कि वह डाटा को रीराइट करते हैं, इसलिये DRAM काफी धीमी होती है, लेकिन यह अन्य मेमोरी के मुक़ाबले कम बिजली खाती है और लंबे समय तक खराब नहीं होती है।

Ram


ROM or Non-Volatile Memory

 ROM का मतलब हैं Read Only Memory यह वह मेमोरी होती हैं जिसे हम केवल रिड कर सकते हैं लेकिन उसपर राइट नहीं कर समते। इस प्रकार की मेमोरी non-volatile होती है। इन मेमोरीज में इनफॉर्मेशन को मैन्युफैक्चरिंग के दौरान स्‍टोर किया जाते हैं। इस मेमोरी में स्‍टोर इंस्ट्रक्शंस कंप्यूटर स्‍टार्ट करने के लिए आवश्यक होते हैं। इस ऑपरेशन को बूटस्ट्रैप के रूप में जाना जाता है।  Rom मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं          


 PROM (Programmable Read Only Memory)

PROM यानि प्रोग्राममेबल रीड ऑनली मेमोरी को केवल एक बार ही डाटा स्‍‍‍टोर किया जा सकता है यानि इसे मिटाया नहीं जा सकता है और ना ही बदला जा सकता है।

EPROM ( Erasable Programmable Read Only Memory )

EPROM का पूरा नाम Erasable Programmable Read Only Memory होता है यह प्रोम (PROM) की तरह ही होता है लेकिन इसमें संग्रहित प्रोग्राम (Store Program) को पराबैगनी किरणों (Ultraviolet rays) के द्वारा ही मिटाया जा सकता है और नए प्रोग्राम संग्रहित (Store) किये जा सकते हैं।

EEPROM ( Electrical Programmable Read Only Memory )

EEPROM का पूरा नाम Electrical Programmable Read Only Memory होता हैं, एक नई तकनीक इ-इप्रोम (EEPROM) भी है जिसमे मेमोरी से प्रोग्राम को विधुतीय विधि से मिटाया जा सकता हैं l 

Rom


Secondary Memory:- 


“ वह मेमोरी जो कंप्यूटर के मदरबोर्ड से केबल के द्वारा जुड़ी होती है सेकेंडरी मेमोरी कहलाती है l” 

इसे External (अतिरिक्त) और Non-Volatile Memory के नाम से भी जाना जाता हैं. इसका इस्तेमाल डाटा को Permanently Store करने के लिए किया जाता हैं. इस मेमोरी में संग्रहित डाटा हमेशा के लिए सुरक्षित रहता हैं. जिसे User और कम्प्यूटर कभी भी Access कर सकते हैं.यह मेमोरी कम्प्युटर के मदरबोर्ड से केबल के द्वारा जोड़ी जाती है। Secondary Memory CPU का भाग नही होती हैं. इसका डाटा पहले मुख्य मेमोरी में जाता हैं इसके बाद ही CPU इसे इस्तेमाल कर सकता हैं. इसकी Storage Capacity बहुत ज्यादा होती हैं. जैसे, Hard Disks, CD, DVD, Pan Drives आदि.

 Hard Disk :-

यह एक एलुमिनियम धातु की डिस्क होती है जिस पर पदार्थ का लेप चढा रहता है, यह डिस्‍क एक धुरी पर बडी तेजी से घूमती है और इसकी गति को RPM यानि Revolutions Per Minute यानि चक्‍कर/घूर्णन प्रति मिनट में मापा जाता है. हार्डडिस्‍क ड्राइव में Track और Sector में डाटा स्टोर होता है. हार्डडिस्‍क ड्राइव जिसके पहले पार्टीशन को नाम दिया गया "C" ड्राइव और आज जब आप विंडोज इंस्‍टॉल करते हो तो वह सबसे पहले "C" ड्राइव में ही इंस्‍टाॅल होती है।और इस को Secondary Memory के तौर पर इस्‍तेमाल किया जाता है, वर्तमान में 1 टैराबाइट से लेकर 100 टैराबाइट तक की हार्ड डिस्‍क उपलब्‍ध हैं. हार्ड डिस्क ड्राइव (Hard Disk Drive) के निर्माता IBM हैं, जिसे 1980 में बनाया गया।


Hard Disk


Floppy Disk :- 

फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk) के बहुत पतले प्‍लास्टिक की एक गोल डिस्‍क होती है जो एक प्‍लास्टिक के कवर में बंद रहती है इस डिस्‍क पर चुम्बकीय पदार्थ की परत चढी होती थी, Floppy Disk आकार और स्‍टोरेज के आधार पर दो प्रकार की होती है  

 

  1. Mini Floppyमिनी फ्लॉपी का व्‍यास इंच होता है और इसकी स्‍टोरेज क्षमता 1.44 MB होती है इसे कंप्‍यूटर में रीड करने के लिये इंच के फ्लॉपी डिस्क रीडर (Floppy disk reader) की आवश्‍यकता होती है, यह लगभग 360 RPM यानि Revolutions Per Minute के हिसाब से घुमती है,
  1. Micro Floppyमाइक्रो फ्लॉपी का व्‍यास (Diameter) 5½ इंच होता है और इसकी स्‍टोरेज क्षमता 2.88 MB होती है, इसके भी इंच के फ्लॉपी डिस्क रीडर (Floppy disk reader) की आवश्‍यकता होती है l




Floppy Disk

Optical Disk-

Optical Disk में पॉली कार्बोनेट की गोल डिस्‍क होती है, जिस पर एक रासायनिक पदार्थ का लेप रहता है ऑप्टिकल डिस्क (Optical Disk) डेटा डिजिटली रूप में सुरक्षित रहता है, डाटा को ऑप्टिकल डिस्क (Optical Disk) पर रीड और राइट करने के लिये कम क्षमता वाले लेजर प्रकाश का प्रयोग किया जाता है  ऑप्टिकल डिस्क (Optical Disk) तीन प्रकार की होती है -

CD ( सीडी ) :- 

CD का पूरा नाम कॉम्‍पेट डिस्‍क है, इसकी क्षमता हार्डडिस्‍क से कम और फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk) से ज्‍यादा होती है, इसमें कुछ 700MB डाटा को स्‍टोर किया जा सकता है, इसमें डाटा लगभग 30 वर्षो तक सुरक्षित रह सकता है, लेकिन इसकी सतह पर स्‍क्रैच आने पर डाटा को रीड और राइट करने में परेशानी होती है

CD


DVD :- 

सीडी (CD) की अपेक्षा डीवीडी (DVD) यानी डिजिटल वर्सटाइल डिस्‍क की स्‍टोरेज क्षमता बहुत अधिक होती है, लेकिन देखने में यह दोनों एक जैसी ही लगती है डीवीडी (DVD)की स्‍टोरेज क्षमता करीब 4.7 जीबी से लेकर 17 जीबी तक होती है, लेकिन स्‍क्रेच वाली समस्‍या यहां भी है


DVD


Blue Ray :- 

ब्लू रे (Blu Ray) देखने में CD और DVD की तरह ही होती है लेकिन इसको रीड और राइट करने के लिये जिसे लेजर प्रकाश का प्रयोग किया जाता है वह नीले रंग-जैसी बैंगनी किरण होती है इसलिये इसे ब्लू रे (Blu Ray) कहा जाता है, इस प्रकाश की वजह से ब्‍लूरे डिस्‍क पर 50 जीबी तक डाटा स्‍टोर किया जाता सकता है।

Blue Ray


USB Flash Drive :- 

यह  Drive सबसे पॉपुलर और पोर्टबल सेकेंडरी मेमोरी डिवाइस है जो USB पोर्ट के माध्यम से कंप्यूटर से जोड़ी जाती है जिसे हम पेन ड्राइव के नाम से भी जानते है, इसका प्रयोग वीडियो देखना, ऑडियो के अलावा अन्‍य डेटा को सेव करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।  

 

USB

  Units Of Memory - मेमोरी की इकाइयाँ 

  1.   Bit = 0 या 1
  2.  4 Bit = 1 Nibble
  3.  2 Nibble और 8 Bit = 1 Byte
  4.  1024 Byte = 1 KB (Kilo Byte)
  5.  1024 KB = 1 MB (Mega Byte)
  6.  1024 MB = 1 GB (Giga Byte)
  7.  1024 GB = 1 TB (Tera Byte)
  8.  1024 TB = 1 PB (Penta Byte)
  9.  1024 PB = 1 EB (Exa Byte)
  10.  1024 EB = 1 ZB (Zetta Byte)
  11.  1024 ZB = 1 YB (Yotta Byte)
  12. 1024 YB = 1 BB (Bronto Byte) 
  13. 1024 BB = 1 GB (Geop Byte)

दोस्तों आशा करता हूँ  कि आपको ये पोस्ट पसंद आई होगी  Comment करके जरुर बताइए  इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे l 
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पोस्ट पढ़ने के लिए शुक्रिया 

2 comments:

  1. Really nice content sir! 🙌 Needed more of it. Thankyou. Keep posting. 🤩

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HS

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